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आंबेडकर के संविधान में नहीं थे सेक्युलर और समाजवादी शब्द

कानपुर नगर। बुधवार 26नवम्बर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। कांग्रेस ने हमेशा संविधान का गला घोटा है। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सबसे पहले संविधान के रूप में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' को आधारशिला रखी। कांग्रेस ने संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ की। 

बाबा साहेब ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था, उसमें 'सेक्युलर' और 'समाजवादी' शब्द नहीं थे। जब देश में इमरजेंसी लगी, तब इसे कांग्रेस ने इन शब्दों को चोरी से जोड़ा। ये बातें भाजपा दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह ने छावनी में भाजपा अनुसूचित मोर्चा द्वारा आयोजित संगोष्ठी में कही।

डॉ. भीमराव आंबेडकर व भारत माता की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का प्रयास किया और जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई। जिन लोगों ने भारत के संविधान का गला घोटने का काम किया था, जनता ने उनको सबक सिखाने में कोई कोताही नहीं बरती। जो लोग जनता को गुमराह करते हैं, जनता को उनकी भावनाओं के बारे में जानना चाहिए। इनका चेहरा लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन वास्तव में है नहीं। यह अपनी ताकत, धन आदि नकारात्मकता के साथ काम करने वाले लोग हैं। जब भी उनको अवसर मिलेगा, वे अपनी हरकत से बाज नहीं आएंगे। यह तानाशाही, फांसीवादी मानसिकता के साथ काम करने वाले लोग हैं।

अनुसूचित मोर्चा दक्षिण जिलाध्यक्ष नरेश कठेरिया ने भारतीय लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि भारत का संविधान हर जाति, मत और मजहब के व्यक्ति को समान मताधिकार देता है। यह आयोजन देश वासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की महत्ता को समझाने और लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जिस तरह धर्म में धार्मिक ग्रंथ रखे जाते हैं, उसी तरह संविधान की प्रति भी पढ़नी और रखनी चाहिए। कांग्रेस व सपा दोनों ने ही लोकतंत्र का मजाक बना दिया है। यह लोग जनता को गुमराह कर रहे हैं। संविधान की प्रस्तावना में 'हम भारत के लोग' लिखा हुआ है जबकि कांग्रेस गांधी परिवार और सपा सैफई परिवार की बात करती है।

प्रमुख रूप से राम बहादुर यादव, संजय कटियार, संजीव बेरी, राहुल विमल, जय नारायण कुरील, सुनील सोनकर, अर्जुन बेरिया, वीरेन्द्र दिवाकर, हरिजीवन आदि मौजूद रहे।

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