कानपुर नगर। शुक्रवार 21नवम्बर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। माइक्रोबायोलॉजी विभाग, जी.एस.वी.एम. मेडिकल कॉलेज, कानपुर द्वारा, “एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध परियोजना (ए.एम.आर.)” के अंतर्गत “रोगाणुरोधी प्रतिरोध (ए.एम.आर.) जागरूकता सप्ताह” का आयोजन चल रहा है जिसमें प्रतिदिन नए आयाम प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (ए.एम.आर.) जागरूकता सप्ताह के चौथे दिन दो महत्वपूर्ण शैक्षणिक एवं रचनात्मक गतिविधियों का सफल आयोजन किया गया। शैक्षणिक व्याख्यान L-2 हॉल में डॉ. दीप्ति मिश्रा द्वारा एम.बी.बी.एस. पैरा-एस 2 के छात्रों हेतु एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (ए.एम.आर.) पर अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रभावशाली व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
- व्याख्यान में विद्यार्थियों को विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया
- रोगजनक एजेंट क्या होते हैं, रोगजनक प्रतिरोध की अवधारणा
- उपजीवों में एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध के कारण, प्रभाव एवं रोकथाम
पोस्टर एवं कोलाज प्रतियोगिता एम.बी.बी.एस. पैरा-एस 2 के छात्रों द्वारा अत्यंत उत्साहपूर्वक सहभागिता की गई। प्रस्तुत पोस्टरों में ए.एम.आर. से संबंधित अत्यंत महत्त्वपूर्ण संदेशों को सृजनात्मक रूप से अभिव्यक्त किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से -
- एंटीबायोटिक्स केवल जीवाणु संक्रमण का उपचार करती हैं l
- बिना आवश्यकता एंटीबायोटिक का उपयोग न करें, न ही इन्हें दूसरों के साथ साझा करें।
- उपचार प्रारंभ करने पर पूरे कोर्स का पालन करना अनिवार्य है, वरना जीवाणु जीवित रहकर प्रतिरोध विकसित कर सकते हैं।
- ए.एम.आर. एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, जो गंभीर बीमारी, मृत्यु के जोखिम तथा उपचार की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में डॉ. मधु यादव (आयोजन अध्यक्ष), डॉ. रजनी सिंह (आयोजन सचिव) तथा डॉ. मनोज कुमार (आयोजन सह-सचिव डाॅ. (प्रोफेसर) विकास मिश्रा, डाॅ. सुरैया खानम अंसारी, डॉ. रजनी सिंह, डाॅ. रूचि गुप्ता, डाॅ. हिमांशी प्रकाश, डाॅ. मनोज माथुर तथा डाॅ. दीप्ति मिश्रा का प्रेरणादायी मार्गदर्शन और आदर्श टीम-वर्क विशेष रूप से सराहनीय रहा है।

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