कानपुर नगर। शुक्रवार 28नवम्बर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के तत्वावधान में प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी श्रीगीता जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी जाएगी। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आगामी 1 दिसम्बर को श्रीगीता जयंती पर कानपुर नगर व आस-पास के जिलों में जगह-जगह मानव श्रृंखला निर्माण एवं सामूहिक गीता पाठ के आयोजन किये जाएंगे। यह जानकारी न्यास के पाण्डु नगर स्थित केन्द्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता के कालखंड में न्यास के पदाधिकारियों द्वारा दी गई।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के अध्यक्ष डॉ. उमेश पालीवाल ने बताया कि न्यास समाज में पावन ग्रंथ श्री गीता जी के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही है। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी के रूप में जाना जाता है। उसी दिन श्रीगीता जयंती मनायी जाती है। न्यास द्वारा गत चार वर्षों से गीता जयंती पर कानपुर समेत अन्य जिलों में गीता सन्देश मानव श्रृंखलाओं का निर्माण किया जा रहा है तथा जगह-जगह सामूहिक गीता पाठ के आयोजन भी होंगे। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी आगामी 1 दिसम्बर (सोमवार) को है। उस दिन न्यास के तत्वावधान में प्रातः 11 बजे से विद्यालयों, अपार्टमेंट्स, मोहल्लों एवं औद्योगिक व्यापारिक प्रतिष्ठानों की ओर से गीता सन्देश मानव श्रृंखलाएँ बनायी जाएंगी। साथ ही न्यास की प्रेरणा से धर्म स्थलों, स्कूल-कॉलेजों, मोहल्लों व व्यावसायिक संस्थानों में सामूहिक गीता पाठ के आयोजन होंगे। उन्होंने बताया कि न्यास श्रीगीता जयन्ती पर कानपुर महानगर के साथ पूरे प्रवेश ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में विविध आयोजन करने की तैयारी में जुटी है।
इस अवसर पर न्यास के महामंत्री परमानन्द शुक्ला ने बताया कि गत भारतीय वर्ष (विक्रम संवत 2081) में श्रीगीता जयन्ती 12 दिसम्बर 2024 को थी। उस दिन विशेष रूप से कानपुर प्रान्त समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 2,000 किलोमीटर से अधिक लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर विद्यार्थियों में गीता को लेकर जागरण तथा रुचि पैदा करने का कार्य किया गया। प्रयास है कि इस बार पिछले वर्ष से भी बड़ी मानव श्रृंखला का निर्माण कर नया कीर्तिमान स्थापित करना है। पत्रकार वार्ता में न्यास के मानव श्रृंखला प्रभारी कमल त्रिवेदी, मीडिया प्रभारी सचिन शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

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