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विश्वविद्यालय में द्विदिवसीय इंट्रा मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजित

कानपुर नगर। शनिवार 11अक्टूबर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की पंचमी शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्ट्डीज, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में द्विदिवसीय इंट्रा मूट कोर्ट प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में कुल 28 टीमों के 84 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। 

पहले दिन के प्रारंभिक दौर के बाद छह टीमें सेमीफाइनल के लिए चयनित हुईं। इनमें टीम 123 में उम्मे कुलसुम खान, मुकुंद त्रिपाठी और अविरल शुक्ला; टीम 106 में आकाश यादव और कामाक्षी सिंह; टीम 124 में विशाल वर्मा, रति अग्निहोत्री और शांतीजीत मिश्रा; टीम 128 में अक्षित सचान, मनीषा रानी यादव और सार्यांशी; टीम 120 में शुभांशी वर्मा, अंजली मेहता और योगिता त्रिवेदी; तथा टीम 114 में विभा तिवारी, नेहा रानी और रानी यादव शामिल थे। प्रतियोगिता की मूट समस्या लापरवाही और राज्य की सार्वभौम प्रतिरक्षा दावे पर आधारित थी। प्रतिभागियों ने अपने गहन कानूनी विश्लेषण और तर्कशक्ति का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में विधिक चिंतन, वाद-विवाद कौशल और व्यावहारिक अधिगम को बढ़ावा देना था।

दूसरे दिन अर्ध-फाइनल और फाइनल दौर संपन्न हुआ। फाइनल में विजेता रही टीम 114, जिसमें विभा तिवारी, नेहा रानी और रानी यादव शामिल थे। उपविजेता रही टीम 123, जिसमें उम्मे कुलसुम खान, मुकुंद त्रिपाठी और अविरल शुक्ला थे। सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल का पुरस्कार टीम कोड 104 को दिया गया, जिसमें प्रतिभागी थे आयुष, शिवांश और मोहम्मद अमान, और सर्वश्रेष्ठ वक्ता का पुरस्कार शुभांशी वर्मा (टीम 120) को प्रदान किया गया। प्रतियोगिता का समापन सत्र निदेशक डॉ. पंकज द्विवेदी के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का उत्साहपूर्वक स्वागत किया और प्रत्येक दौर में न्यायाधीश के रूप में कार्य करने वाले जजों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

समापन सत्र में प्रमुख अतिथियों ने प्रतिभागियों और आयोजन समिति की सराहना की। के. के. मौर्य, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), कानपुर ने फाइनलिस्ट टीमों और आयोजन समिति की प्रशंसा की। कुलसचिव आर. के. मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना की और विधि छात्रों को उनके भविष्य के करियर के लिए शुभकामनाएँ दीं। संजय सिंह, अतिरिक्त मुख्य स्थायी वकील, उत्तर प्रदेश सरकार, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रतिभागियों को अच्छे अधिवक्ता के गुणों के बारे में मार्गदर्शन दिया। प्रो. वी. एस. त्रिपाठी, अधिष्ठाता, विधि संकाय, सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय ने प्रतिभागियों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और “करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान” कथन के माध्यम से छात्रों को उत्साहित किया।

कार्यक्रम का समापन विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर श्रीमती मयूरी सिंह द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने प्रतियोगिता के सफल आयोजन में योगदान देने वाले सभी छात्रों, शिक्षकगण और निर्णायक मंडल का धन्यवाद ज्ञापित किया। समापन सत्र में विभाग के सभी सत्र सभी आदरणीय संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित रहे।

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