कानपुर नगर। मंगलवार 07अक्टूबर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर ने अपना 90 वां स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 350 बेड वाले नए छात्रावास और केंद्रीकृत मेस के निर्माण की आधारशिला रखी।
अपने संबोधन में प्रहलाद जोशी ने संस्थान के गत 90 वर्षों की गौरवशाली यात्रा की सराहना की और शर्करा उद्योग में भविष्य की चुनौतियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर द्वारा किये जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने संस्थान के युवा प्रौद्योगिकीविदों और अभियंताओं से शर्करा क्षेत्र के सतत विकास के लिए नवाचार और अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
श्री जोशी ने संस्थान के पुनर्गठन और पुनर्सरचना, जैव ईंधन पर उत्कृष्टता केंद्र की, -स्थापना, टिशू कल्चर प्रयोगशाला, रोग मुक्त और जलवायु अनुकूल गन्ने की किस्मों के विकास और इथेनॉल उत्पादन के लिए वैकल्पिक फीडस्टॉक के रूप में स्वीट सोरगम पर शोध के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर के साथ किए गए समझौता ज्ञापन पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर की मदद से संस्थान में आरंभकिए जाने वाले एक नए स्नातक और एम.टेक. कार्यक्रम को तैयार करने के लिए संस्थान के प्रयास की भी सराहना की। श्री जोशी ने कहा कि यह बहुत खुशी और गर्व की बात है कि संस्थान अनुसंधान और विकास गतिविधियों में संलग्न है।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने प्रगतिशील गन्ना किसानों को सम्मानित किया और उन्हें उद्योग की वास्तविक रीढ़ बताया। चीनी उद्योग में तकनीकी उत्कृष्टता और नवाचार के लिए प्रतिष्ठित "शर्कराश्री" पुरस्कार भी प्रदान किए गए। सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए, श्री जोशी ने शर्करा और संबद्ध उद्योगों में उनके अद्वितीय योगदान की सराहना की।कार्यक्रम के काल खंड में श्री जोशी ने बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के मासिक चीनी कोटा प्राप्त करने के लिए प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल [चीनी दर्पण पोर्टल लांच किया। माननीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पोर्टल मासिक चीनी कोटा जारी करने में सटीकता और पारदर्शिता लाएगा और घरेलू कीमतों और चीनी की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा।
सहकारी चीनी मिलों की परिचालन दक्षता, उत्पादकता और वित्तीय व्यवहार्यता में सुधार के लिए, विभाग ने मक्का और चावल जैसे अनाज का उपयोग करके अपने मौजूदा गन्ना-आधारित एथेनॉल संयंत्रों को मल्टी-फीड आधारित एथेनॉल संयंत्रों में बदलने के लिए सहकारी चीनी मिलों को ब्याज अनुदान प्रदान करने के लिए एक योजना अधिसूचित की है। माननीय मंत्री ने इस योजना के तहत 06 सहकारी चीनी मिलों को सैद्धांतिक अनुमोदन पत्र सौंपे।उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव संजीव चोपड़ा ने भारतीय शर्करा उद्योग को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया और कहा कि सरकार संस्थान के पुनर्गठन और पुनर्सरचना पर काम कर रही है। उन्होंने इस क्षेत्र के सतत विकास के लिए अनुसंधान पर जोर दिया।
कार्यक्रम में सांसद देवेंद्र सिंह 'भोले', लक्ष्मी नारायण चौधरी, गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री, उ.प्र. सरकार, विधायक श्रीमती नीलिमा कटियार, अरूण पाठक, सदस्य, उ.प्र. विधान परिषद और अश्विनी श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव (शुगर एवं मूवमेंट) भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर की निदेशक प्रो. सीमा परोहा ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
addComments
एक टिप्पणी भेजें