नई दिल्ली। शुक्रवार 26सितम्बर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, आश्विन मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (शारदीय नवरात्रि) शरद ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। नई दिल्ली स्थित डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप (24 सितम्बर – 2 अक्टूबर 2025) में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू), कानपुर की बी.पी.ई.एस.-I वर्ष की छात्रा और उत्तर प्रदेश की होनहार निशानेबाज अंशिका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 50 मीटर राइफल प्रोन जूनियर महिला वर्ग में रजत पदक (🥈) जीता। उन्होंने 619.2 अंक अर्जित किए और विश्व रिकॉर्ड से मात्र 2 अंक दूर रहीं। यह भी उल्लेखनीय है कि इस स्पर्धा में भारत ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज — तीनों पदक जीतकर क्लीन स्वीप किया और पदक तालिका में बढ़त बनाई।
संघर्ष से सफलता तक अंशिका का यह सफर केवल एक पदक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनुशासन, कठिन परिश्रम और अटूट विश्वास की प्रेरणादायी कहानी है। सीमित संसाधनों के बावजूद अपने कोच चंद्र मोहन तिवारी के मार्गदर्शन और विश्वविद्यालय की खेल नीति के सहयोग से अंशिका ने लगातार अभ्यास कर अपने खेल को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
- पिछली प्रमुख उपलब्धियाँ अगस्त 2025 - एशियन शूटिंग चैंपियनशिप (कजाकिस्तान) में भारत का प्रतिनिधित्व, 611.0 अंक के साथ 6वाँ स्थान।
- सितम्बर 2025 - उत्तर प्रदेश राज्य शूटिंग चैंपियनशिप (जयपुर) में दो स्वर्ण पदक (🥇🥇)।
- 2025- 67वें राष्ट्रीय खेल (नेशनल गेम्स) में रजत पदक (🥈)।
इन उपलब्धियों ने उनके आत्मविश्वास को और मजबूत किया और आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप के मंच तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त किया।
अंशिका की टिप्पणी आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड कप में रजत पदक जीतना मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। भले ही मैं विश्व रिकॉर्ड से 2 अंक दूर रह गई, यह अनुभव मुझे और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा देता है। मेरा सपना है कि एक दिन भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाऊँ।
कुलपति, सीएसजेएमयू प्रो. विनय कुमार पाठक का वक्तव्य “अंशिका की सफलता हमारे विश्वविद्यालय की खेल नीति-2023 और खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहन का परिणाम है। उन्होंने विश्वविद्यालय, प्रदेश और राष्ट्र का नाम रोशन किया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि वह शीघ्र ही ओलंपिक स्तर पर भी भारत का गौरव बढ़ाएँगी।” कोच चंद्र मोहन तिवारी का वक्तव्य अंशिका की मेहनत और अनुशासन उनकी सबसे बड़ी ताकत है। विश्व रिकॉर्ड से केवल दो अंक दूर रहना इस बात का संकेत है कि भविष्य में वह स्वर्ण पदक और नया विश्व रिकॉर्ड हासिल करेंगी।
अंशिका की यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ सपनों को साकार करना चाहते हैं। एशियन चैंपियनशिप से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पदकों तक और अब आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में रजत — अंशिका की यात्रा भारतीय निशानेबाजी के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त गवाही है।
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