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दीपांजलि समाजोत्थान समिति के काव्योत्सव में बही कविता की रस धार

कानपुर नगर। सोमवार 01सितम्बर 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य दक्षिरायण, भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की नवमी ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। दीपांजलि समाजोत्थान समिति द्वारा खांडेपुर योगेंद्र विहार में शिक्षाविद स्मृतिशेष राम गोपाल शुक्ल की पांचवीं पुण्य तिथि पर आयोजित काव्योत्सव में कवियों ने अपनी सुमधुर रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। 

कार्यक्रम अध्यक्षता नरेश सिंह चौहान तथा संचालन दीप कुमार शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्याम सिंह पंवार ने ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।

राजेन्द्र अवस्थी की वाणी वंदना से प्रारंभ हुए इस काव्योत्सव में कवि राघव दुबे ने अपनी रचना हम शब्द ब्रम्ह के साधक हैं साहित्य साधना करते हैं प्रस्तुत की। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना जिस घर की  चौपालों में लगते रोज ठहाके, आज वहीं पर एक उदासी आकर ताके झाकें प्रस्तुत कर तालियां बटोरी।कवि राजेन्द्र अवस्थी ने अपनी रचना फ्रेंडशिप फेसबुक पर और इंस्टाग्राम पर चैटिंग, न जाने एक दूजे को मगर होने लगी डेटिंग, दगा देकर मिले सालमन जब शिवराम बन फिर तो, मिलेगी बंद बोरे में तुम्हारे तन की तब पैकिंग पढ़ कर नई पीढ़ी की दिशा व दशा का प्रभावशाली वर्णन किया। कवि सोमेंद्र त्रिपाठी ने बचपन की स्मृतियों को अपनी रचना में उकेरा। इस अवसर पर गुड्डू भदौरिया मनीषा अवस्थी ,आशी,तथा अर्पण शुक्ला आदि उपस्थित रहे। आगंतुकों के प्रति आभार विमल कुमार शुक्ला ने व्यक्त किया।

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