लखनऊ। मंगलवार 26अगस्त 2025 (सूत्र/सूवि /पीआईबी) सूर्य दक्षिरायण, भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की तृतीया (हरतालिका तीज) वर्षा ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को कृषि भवन के सभागार में आयोजित एक बैठक के दौरान प्रदेश के कृषि क्षेत्र में हुई बहुआयामी प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में कृषि विकास दर, उत्पादन और किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
मंत्री श्री शाही ने बताया कि वर्ष 2016-17 में कृषि क्षेत्र की विकास दर 8.8 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 15.7 प्रतिशत हो गई है। यह वृद्धि सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण और कृषि के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने कहा कि कृषि ळैट। (ग्रॉस स्टेट वैल्यू ऐडेड/ळतवेे ैजंजम टंसनम ।ककमक) वर्ष 2016-17 के ₹2.00 लाख करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹4.37 लाख करोड़ हो गया है, जो लगभग 118 प्रतिशत की वृद्धि है। साथ ही, 2024-25 में 161 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कुल 737.20 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ, जो राष्ट्रीय स्तर पर 20.89 प्रतिशत का योगदान है। श्री शाही ने बताया कि खरीफ वर्ष 2016-17 में 91.45 लाख हेक्टेयर कृषि फसलों का आच्छादन था, जो 2024-25 में बढ़कर 105.93 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पूर्व से 14.48 लाख हेक्टेयर अधिक है। प्रमुख फसलों के उत्पादन में भी सराहनीय वृद्धि हुई है। चावल का उत्पादन 2016-17 में 144.70 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 212.25 लाख मीट्रिक टन हुआ।गेहूं का उत्पादन 2016-17 में 349.71 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 414.39 लाख मीट्रिक टन हुआ। दलहन का उत्पादन 2016-17 में 23.90 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 36.30 लाख मीट्रिक टन हुआ। तिलहन का उत्पादन 2016-17 में 12.40 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 30.80 लाख मीट्रिक टन हुआ। उन्होंने बताया कि फसल सघनता जो कृषि विकास का एक महत्वपूर्ण सूचक है, वर्ष 2016-17 में 163 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 182 प्रतिशत हो गई है, जिसमें 19ः की वृद्धि हुई है। यह किसानों में वैज्ञानिक तरीकों के प्रति बढ़ती जागरूकता का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में कई जागरूकता कार्यक्रम चलाए हैं। विकसित कृषि संकल्प यात्रा के तहत 14,170 गांवों में आयोजित की गई, जिससे 23.30 लाख किसानों को प्ब्।त् और कृषि वैज्ञानिकों द्वारा लाभान्वित किया गया। किसान पाठशाला कार्यक्रम के अंतर्गत 76,000 गांवों में आयोजित की गई, जिसमें 1.71 करोड़ किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के तहत मक्का के क्षेत्रफल को 3.06 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 5.42 लाख हेक्टेयर किया गया।
श्री शाही ने बताया कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। वर्तमान में, राज्य का उत्पादन में स्थान कुछ इस प्रकार है-गेहूं, चावल, गन्ना, आलू के उत्पादन में प्रथम स्थान पर, बाजरा, मसूर, राई/सरसों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर तथा दलहन के उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। अंत में, उन्होंने कहा कि किसान और कृषि सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में हैं और उनके सर्वांगीण विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
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