मुंबई। मंगलवार 22जुलाई 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, श्रावण मास कृष्ण पक्ष की द्वादशी तदुपरि त्रयोदशी, वर्षा ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। अखिल ब्रह्म विज्ञान संस्थान मुंबई के तत्त्वावधान में डॉ. श्रीभगवान तिवारी द्वारा रचित क्रांति महानायक परशुराम जी पर परिचर्चा तथा उससे पहले सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। समारोह की अध्यक्षता डॉ अशोक सिंह चौहान ने की।
अतिथियों के माल्यार्पण के पश्चात डाॅ. रोशनी किरण ने सरस्वती वंदना एवं परशुराम के दोहे प्रस्तुत किया। संस्था के अध्यक्ष आचार्य रामव्यास उपाध्याय ने परशुराम स्तोत्र का सस्वर पाठ किया तथा अतिथियों का परिचय दिया।
डॉ. श्रीभगवान तिवारी ने अपने क्रांतिकारी उद्बोधन में सनातन की रक्षा एवं परशुराम की त्यागशीलता को अपनाने की प्रेरणा दी।विशिष्ट अतिथि राजनीतिक मीडिया ब्रांडिंग रणनीतिकार, फिल्म निर्देशक और विज्ञापन फिल्म निर्माता- श्री दिनेश श्रीवास्तव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्कृत विद्वानों को संगठित करने तथा सनातन को बचाने की आवश्यकता बताई।स्वागताध्यक्ष आयुर्वेद महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. ओमप्रकाश दुबे ने भगवान परशुराम के मंदिर के लिए अपने संकल्प को दोहराया। पीएम आत्मनिर्भर भारत अभियान संगठन के कार्याध्यक्ष मुख्य अतिथि श्री राम कुमार पाल जी ने मंदिर के लिए एक एकड़ जगह प्रदान करने के साथ-साथ तन- मन- धन से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। श्रेया लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक श्री अनिल कुमार मिश्र जी ने हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। भवन निर्माता आशीष मिश्र ने समारोह का पूरा खर्च वहन किया।
आईपीसी एवं महा पंडित फाउंडेशन के अध्यक्ष डाॅ. परमिंदर पाण्डेय, पूर्व प्रधानाचार्य शेषनाथ तिवारी, पीएचडी डिग्री हासिल करने वाली डाॅ. शशिकला पटेल तथा कवयित्री प्रो. सिंधु वासिनी तिवारी को शाल पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया गया। परिचर्चा में डॉ. अमर बहादुर पटेल ने कुरुक्षेत्र में परशुराम, डॉ. परमिंदर पाण्डेय ने च्यवन की शिक्षा, डॉ. शशिकला पटेल ने ऋचीक ऋषि, डॉ. अवनीश सिंह ने महर्षि उर्व, राम सिंह ने वनवासियों को धनुर्विद्या, अजय शुक्ल ने समुद्र का औदार्य, रीना राय ने राम की शिक्षा पर प्रकाश डाला। समारोह की सफलता में प्रभाशंकर शुक्ल, आर.के.सर, चंद्रवीर यादव, हरिसिंह, श्वेता दुबे, अनिल तिवारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
आचार्य रामव्यास उपाध्याय ने संचालन तथा जनार्दन मिश्रा ने आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगान एवं जलपान के पश्चात समारोह का समापन हुआ।
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