बैठक में प्रॉजेक्ट मैनेजर द्वारा अवगत कराया गया कि निर्माण एजेंसी वेटेक वबाग द्वारा पिछले 55 दिनों में कार्य की प्रगति अत्यंत धीमी रही है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि समस्त कार्यों को युद्धस्तर पर पूर्ण कराया जाए।
प्रॉजेक्ट इंजीनियर ने बताया कि वेटेक वबाग पर पूर्व में ₹30 लाख का जुर्माना लगाया गया है। जिलाधिकारी ने जेटेटा सचिव को निर्देशित किया कि उक्त जुर्माने की वसूली तत्काल सुनिश्चित कराई जाए। बैठक में यह तथ्य सामने आया कि लगभग 80 टेनरियों द्वारा अब तक अपने हिस्से का भुगतान नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए निर्देशित किया कि बकायेदार टेनरियों की सूची उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) मुख्यालय को प्रेषित की जाए, ताकि नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी ने वेटेक वबाग द्वारा स्लज प्रबंधन में की जा रही लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कार्य प्रोटोकॉल के अनुसार और पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए ही किया जाए। अंत में जिलाधिकारी ने जेटेटा सचिव को निर्देशित किया कि सीईटीपी संचालन में आ रही बाधाओं का विस्तृत विवरण तैयार कर "नमामि गंगे परियोजना कार्यालय" को तत्काल पत्र के माध्यम से प्रेषित किया जाए, ताकि त्वरित समाधान सुनिश्चित कराया जा सके।
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