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वर्तमान जीवन शैली एवं खान-पान में बढ़तें पश्चात्य प्रभाव के कारण चितांजनक रूप से बढ़ती हुई आई०बी०डी० की बीमारियों


कानपुर नगर। शनिवार 28जून 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की तृतीया, वर्षा ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा द्वारा एक सी०एम०ई० प्रोग्राम का आयोजन "ऑडिटोरियम, 'सेवा का मंदिर में रात्रि 8:00 बजे तीन सत्र में अलग अलग बिषय पर किया गया। 

इस सी०एम०ई० में प्रथम सत्र के वक्ता डॉ पीयूष मिश्रा, (गैस्ट्रो) डायरेक्टर & कंसलटेंट गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट सीएन गैस्ट्रोकेयर & कनिष्क हॉस्पिटल, कानपुर, ने "प्रति मलाशय रक्तस्राव के मामले पर दृष्टिकोण सूजन आंत्र रोग के नैदानिक परिप्रेक्ष्य" के विषय पर, द्वितीय सत्र की वक्ता डॉ. सोनल अमित, एम.डी. (पैथो) प्रोफेसर एवं प्रमुख, पैथोलॉजी एवं डीन (शैक्षणिक), ऑटोनोमस स्टेट मेडिकल कॉलेज, अकबरपुर, कानपुर देहात ने "कोलोनिक बायोप्सी पर आईबीडी की हिस्टोपैथोलॉजी पर अपडेट" विषय पर अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए एवं तृतीय सत्र में गट फीलिंगः आईबीडी की अंतर्दृष्टि और परिदृश्य विषय पर एक पैनल डिस्कशन किया गया जिसमें वरिष्ठ हिस्टोपैथोलॉजिस्ट एवं पैथवे डायग्नोस्टिक लैब, लाजपत नगर, कानपुर की निर्देशक डा० आशा अग्रवाल, प्रो० डा० लुबना खान एवं गेस्ट्रोएनट्रोलॉजिस्ट डा० गौरव चावला, डा० विनय कुमार ने प्रतिभाग किया तथा जिसका सफल संचालन डा० सोनल अमित के द्वारा किया गया।

आई०एम०ए० कानपुर की अध्यक्ष डॉ नंदिनी रस्तोगी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इन बीमारियों की गम्भीरता के विषय में बताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ गणेश शंकर वैज्ञानिक सचिव, आई एम ए कानपुर ने किया एवं आज के विषय पर प्रकाश डॉ ए सी अग्रवाल, चेयरमैन वैज्ञानिक सब कमेटी ने दिया तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन आईएमए कानपुर के सचिव डॉ विकास मिश्रा ने दिया।

वक्ताओं ने बताया कि वर्तमान जीवन शैली एवं खान-पान में बढ़तें पश्चात्य प्रभाव के कारण चितांजनक रूप से बढ़ती हुई आई०बी०डी० की बीमारियों जैसे कि अल्सरेटिव, कोलाइटिस एवं क्राहन्स डिसीज़ के रोगियों की संख्या को देखते हुये दिनांक 28 जून, 2025 को आई०एम०ए०, कानपुर एवं पैथवे डायग्नोस्टि लैब, लाजपत नगर, कानपुर द्वारा एक व्याख्यान माला का आयोजन किया गया जिसमें सी०एन० गैस्ट्रोकेयर के निर्देशक डा० पियूष मिश्रा ने बताया कि आई०बी०डी० नामक आंतों की सूजन की बीमारी में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं जो कि आज भारत में भी आधुनिक जीवनशैली के कारण बढ़ रही है। डा० सोनल अमित, प्रोफेसर एवम् विभागाध्यक्ष पैथोलॉजी, स्वशासीय राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, कानपुर देहात द्वारा कोलन बायोप्सी की हिस्टोपैथोलॉजी जाँच के महत्व के बारे में बताया गया। इस व्याख्यान में आई०बी०डी० से सम्बन्धित नवीन पहलुओं पर प्रकाश डाला गया, जिससें न केवल सही डायग्नोसिस होकर उसका उचित निदान हो सकेगा वरन् उनके गम्भीर दुष्परिणामों जैसे की मल में अत्याधिक रक्तस्त्राव और कोलन कैंसर से भी बचा जा सकेगा।

प्रथम सत्र के चेयरपर्सन डा० राहुल गुप्ता, डॉ. महेंद्र सिंह, एमडी (पैथो) कानपुर थे।

द्वितीय सत्र के चेयरपर्सन डॉ. एस.एन. सिंह एमडी (पैथी), डॉ. प्रवीण सारस्वत, एमडी (पैथो), डॉ. विकास मिश्रा, एमडी (माइक्रो) कानपुर थे।

इस कार्यक्रम में डॉ. कुणाल सहाय, उपाध्यक्ष, आईएमए कानपुर एवं डॉ कीर्ति वर्धन सिंह संयुक्त वैज्ञानिक सचिव, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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