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श्री कृष्ण की कथा को श्रवण का श्रोता हुए भाव विभोर

गमा देवी मंदिर अमावता में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रोताओं ने श्री कृष्ण जन्म की कथा का श्रवण किया

अजीतमल औरैया। गुरुवार 12जून 2025 (सूत्र/दीपक अवस्थी) सूर्य उत्तरायण, आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। अजीतमल तहसील क्षेत्र अंतर्गत गमा देवी मंदिर ग्राम अमावता में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन आचार्य पंडित अनुज द्विवेदी जी महाराज के मुखारविंद से श्रोताओं ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुन श्रोता भाव भोर हो गए।

कथा में परीक्षित पुष्पा सिंह सेंगर और रामराज सिंह सेंगर (सेवा निवृत उत्तर प्रदेश पुलिस) बने। कथा में भक्त जनों द्वारा प्रतिदिन शरबत व जलपान वितरण की व्यवस्था की जा रही है। कथा में मंच का संचालन गजराज सिंह गुर्जर द्वारा किया गया।

अजीतमल क्षेत्र के अमावता गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गुरुवार की कथा में धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। कथावाचक पंडित अनुज द्विवेदी ने कहा कि जब पृथ्वी पापियों का बोझ सहन नहीं कर पा रही थी तब सभी देवता ब्रह्मा जी व शिव के साथ क्षीर सागर में भगवान की स्तुति करने लगे।

तब भगवान श्री हरि ने प्रसन्न होकर देवताओं को बताया कि मैं वासुदेव व देवकी के घर कृष्ण रूप में जन्म लूंगा और वृंदावन में मां यशोदा व नंदबाबा के घर बाल लीलाएं करूंगा। इसलिए आप सब भी उस समय धरती पर किसी न किसी रूप में उपस्थित रहना।

उन्होंने बताया कि जब भगवान ने पृथ्वी पर श्रीकृष्ण अवतार धारण किया तब सभी देवता और स्वयं ब्रह्मा व शिव जी भी भगवान की लीलाओं के साक्षी बने थे। उन्होंने बताया कि इस तरह जब भी पृथ्वी पर कहीं भी भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है तो सब देवी देवता भी वहां अवश्य आते हैं और भगवान के जन्मोत्सव का आनंद लेते हैं। कथावाचक ने कहा कि जब भगवान ने कृष्ण जन्म लिया था तब पृथ्वी पर न जाने कितने जन्मों से जीव भगवान की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी तरह जब भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाता है और उस जन्मोत्सव में जो भाग लेते है वे कोई साधारण जीव नहीं होते वे बहुत पुण्यआत्मा होते है। इस मौके पर रघुराज,आदेश,अल्पेश, सुनील ,कल्लू,दीपक, लल्ला आदि लोग मौजूद रहे।


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