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काव्योत्सव में बिखरे कविता के विभिन्न रंग

कानपुर नगर। रविवार 08जून 2025 (सूत्र/सूवि/पीआईबी) सूर्य उत्तरायण, ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की द्वादशी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर।  मां सरस्वती देवी स्मृति साहित्य संस्थान, कानपुर द्वारा शास्त्री नगर कानपुर में आयोजित काव्योत्सव में कविता के विभिन्न रंग बिखरे। काव्योत्सव की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री अशोक शास्त्री ने एवं संचालन राजेश सिंह ने किया।

कवि राजेन्द्र अवस्थी की सरस्वती वंदना से काव्योत्सव का शुभारंभ हुआ। कवयित्री अनीता पाल ने अपनी रचना स्वयं से कभी पुरुषार्थ को आंका नहीं करते, मैदाने जंग में रण छोड़ कर भागा नहीं करते प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। 

कवि राजेश सिंह रचना आओ साधना करें आओ साधना करें देश प्रेम की साधना करे बहुत सराही गई। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना आज आगे बढ़ी और पढ़ी बेटियां पर्वतों के शिखर पर चढ़ी बेटियां दुश्मनों की नजर जब पड़ी देश पर हाथ बंदूक लेकर लड़ी बेटियां पढ़ कर खूब तालियां बटोरीं। कवि राजेन्द्र अवस्थी ने पहलगाम आतंकी घटना पर अपनी रचना गर्व है देश की बेटियों पर हमें हिन्दू होने की कीमत चुकाई सही, न डरी न झुकी न समर्पण किया, कह दिया गोली मारो हमें भी अभी पढ़ कर काव्योत्सव को ऊंचाइयां प्रदान की। कवि दीप कुमार शुक्ला ने अपनी रचना पाकिस्तान में घुस कर के हम हाहाकार मचा देंगे, मक्कारों के देश तुझे तेरी औकात बता देंगें पढ़ कर वातावरण को ओज पूर्ण बना दिया। डॉ. ओम प्रकाश पाठक एवं प्रदीप त्रिपाठी की रचनाओं ने शमां बांध दिया।

आगंतुकों के प्रति आभार रमेश सिंह तथा स्वागत महेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर रोहित चौहान, शिवानी सिंह, नीलम सिंह, बिंदु सिंह, अविरल सिंह, दीपक, नेहा आदि उपस्थित रहे।

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