राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम और टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने जनपद के कमजोर प्रदर्शन पर नाराज़गी जताई। उन्होंने बताया कि जहाँ प्रदेश का औसत प्रदर्शन 93 प्रतिशत है, वहीं कानपुर नगर की प्रगति 86 प्रतिशत तक ही सीमित है और मंडल में जनपद अंतिम स्थान पर है। इस आधार पर उन्होंने जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुबोध प्रकाश को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण पोटली योजना की प्रगति भी धीमी है, जबकि केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर चुकी है।
स्वास्थ्य केंद्रों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तीन वर्ष से अधिक समय से तैनात सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों (एमओआईसी) को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बदलाव के साथ काम में नई गति आनी चाहिए।
जिलाधिकारी ने आरबीएसके टीमों को निर्देशित किया कि वे बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय कर परिषदीय विद्यालयों का निरीक्षण करें और बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरबीएसके टीम के वाहनों में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य है और उसी के सत्यापन के आधार पर कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जाए। उन्होंने सभी चिकित्सकों से को निर्देश दिया कि सीएचसी और पीएचसी पर बाहरी दवाएं न लिखी जाएं, केवल सूचीबद्ध दवाएं निर्धारित पर्ची पर ही लिखी जाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यक दवाओं की उपलब्धता बनी रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाए। एनआरएचएम के अंतर्गत जनपद में स्वीकृत 229 पदों में से केवल 148 पद भरे हैं, शेष पद रिक्त हैं। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए जिससे सेवाओं में किसी प्रकार की कमी न रह जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि समस्त आशा कार्यकर्ताओं को उनका मानदेय प्रत्येक माह की 10 तारीख तक भुगतान कर दिया जाए।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि अब तक जनपद में 8,17,947 लोगों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जो कुल लक्ष्य का 64 प्रतिशत है। वर्तमान में जनपद के 228 चिकित्सालय इस योजना में सूचीबद्ध हैं। उन्होंने वय वंदन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के लाभार्थियों की संख्या 53,003 है और इस उपलब्धि के साथ जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. उदयभान, विभिन्न विभागों के अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक, एमओआईसी व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
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