कानपुर नगर। रविवार 01जून 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। केशव मधुवन सेवा समिति,केशव नगर,कानपुर द्वारा आयोजित सिंदूर शौर्य काव्योत्सव में कवियों ने ओजस्वी रचनाएं पढ़ कर वातावरण को राष्ट्र भक्त से पूर्ण बना दिया।भारत माता की जय के उदघोष के बीच कविता की ऐसी धारा फूटी कि श्रोता तालियां बजा कर रचनाकारों का उत्साहवर्धन करते रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि श्री अशोक शास्त्री ने एवं संचालन राजेन्द्र अवस्थी ने किया।
कवि राजेन्द्र अवस्थी की सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए काव्योत्सव में युवा कवि शशांक "साक्षर" ने अपनी रचना देश से पाया जो भी वो देश के काम आए, जब कभी मैं गीत गाउं देश का नाम आए प्रस्तुत की।प्रतिष्ठित कवयित्री डॉक्टर सुरभि मिश्रा ने अपनी पंक्तियां वो रंग नहीं जो तुमने दीवारों पर देखें है वो एक वीर के खून से लिखी कहानी है प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। वरिष्ठ कवि अशोक शास्त्री ने अपनी रचना हमने तोड़े हैं चक्रव्यूह निकले हैं उनके घेरों से, भारत के बच्चे बचपन में खेला करते हैं शेरों से पढ़ कर खूब तालियां बटोरीं। कार्यक्रम संयोजक एवं कवि राजेन्द्र अवस्थी ने अपनी रचना प्रण करें हम सभी देश की आन पर जान जाए तो जाए हटोगे नहीं।
आपरेशन सिंदूर ने साबित किया गर बटोगे नहीं तो काटोगे नहीं पढ़ कर काव्योत्सव को ऊंचाइयां प्रदान की। राष्ट्रवादी कविताओं की इस धारा को कवि शिवा अवस्थी, राजेश सिंह, डॉक्टर प्रदीप त्रिपाठी ने आगे बढ़ाया।
इस अवसर पर श्री जयराम दुबे, श्याम बिहारी शर्मा, वी के दीक्षित, कृष्ण मुरारी शुक्ला, राज कुमार शर्मा, चन्द्र भूषण मिश्रा,सीमा शुक्ला, जयंती बाजपेई, राजलक्ष्मी आदि गणमान्य उपस्थित रहे।
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