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आईएमए कानपुर में डायबिटीज के ऊपर व्याख्यान दिया गया

कानपुर नगर। शनिवार 10मई 2025 (सूत्र) सूर्य उत्तरायण, बैशाख मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर।  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की शाखा IMAAMS (अकैडमी ऑफ़ मेडिकल स्पेशियल्टी) के तत्वाधान डायबिटीज के ऊपर व्याख्यान दिया गया जिसमें डॉ प्रीति आहूजा ने बताया की शुगर को कंट्रोल करने के लिए वजन कम करना बहुत आवश्यक है। वजन कम करने से शुगर, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, थायराइड एवं कार्डियक बीमारियों में काफी कमी आती है।

दूसरी स्पीकर कानपुर आईएमए की अध्यक्षा एवं डायबिटोलॉजिस्ट डॉ नंदिनी रस्तोगी ने बताया की मोटापा अगर 15% कम किया जाए तो डायबिटीज प्रारंभिक चरण में जा सकती है, अब ऐसी दवाइयां का आविष्कार हो चुका है जो दिमागी व पेट के स्तर पर काम करती है भूख कम करती हैं, पेट से खाना आतं में धीरे-धीरे जाता है जिससे खाने के बाद की शुगर धीरे-धीरे बढ़ती है। यह पहली ऐसी दवाई है जो इंसुलिन का सेक्रीशन पेनक्रियाज से बढ़ाती है और पेनक्रियाज को थकने से भी बचाती है। यह दवाई केवल शुगर को ही नहीं कम करती हैं बल्कि वजन कम करने में भी मदद करती हैं यह दिल व गुर्दे के लिए भी लाभदायक है। तत्पश्चात कानपुर के जाने-माने डायबिटोलॉजिस्ट डॉ ब्रजमोहन ने बताया की वजन सभी एनसीडी (नॉन कम्युनिकेबल डिसीज) की जड़ है। वजन कम करने से बहुत सी बीमारियों का जड़ से इलाज संभव है।

कार्यक्रम का संचालन IMAAMS के चेयरमैन व सचिव डॉ गौतम दत्ता ने किया। डॉ अनुराग मेहरोत्रा ने बताया मोटापा एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है और इस सम्मेलन के माध्यम से हमारा लक्ष्य इस जटिल मुद्दे पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि और ज्ञान साझा करना है। भारत में 10 में से एक टाइप टू डायबिटीज का मरीज है जिसमें से 20.4% ओवरवेट है. पूरे विश्व में 53.7 Cr डायबिटिक मरीज हैं। भारत में 21.2 Cr डायबिटिक पेशेंट है जो 1990 के आंकड़े से चार गुना है। इनमें से आधे से ज्यादा को पता ही नहीं होता कि वह शुगर की बीमारी से ग्रस्त हैं। आज के विषय पर प्रकाश डॉ ए सी अग्रवाल, चेयरमैन वैज्ञानिक सब कमेटी ने दिया। तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन आईएमए कानपुर के सचिव डॉ विकास मिश्रा ने दिया।

आईएमए कानपुर सचिव डॉ विकास मिश्रा के अनुसार इस कार्यक्रम के चेयरपर्सन डॉ. सोनी व्यास, डॉ. रघुवीर माथुर, डॉ राहुल कपूर, डॉ. कुणाल सहायु, डॉ. आनंद बाजपाई एवं डॉ. अभिषेक अग्रवाल थे। इस कार्यक्रम के पैनलिस्ट:- डॉ. ए.सी. अग्रवाल, डॉ. (कैप्टन) बी. गांगुली थे।

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