अजीतमल औरैया। मंगलवार 06मई 2025 (सूत्र/दीपक अवस्थी) सूर्य उत्तरायण, बैशाख मास शुक्ल पक्ष की नवमी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। अजीतमल कस्बा स्थित राजीव नगर में भागवत कथा के दूसरे दिन कथा वाचक आचार्य पं. साकेत बिहारी दीक्षित (साहित्याचार्य) के मुखार विंदु से श्रोताओ ने परीक्षित जी द्वारा किए कार्यों की कथा का श्रवण किया।
आचार्य जी द्वारा राजा परीक्षित के जीवन और उनकी भागवत कथा के प्रति रुचि के प्रसंग पर केंद्रित होता है इस दिन राजा परीक्षित के द्वारा किए गए कार्य की कथा सुनाई गई।
कथा के समय शंकर भगवान की झांकी प्रमुख रूप से दृश्य का केंद्र रही वही धार्मिक गीतों पर श्रद्धालु झूमे और कथा सुनकर भाव-विभोर हुए। भागवत कथा के दूसरे दिन के प्रमुख प्रसंग राजा परीक्षित और समीक ऋषि रहे। राजा परीक्षित को प्यास लगने पर उन्होंने समीक ऋषि से पानी माँगा लेकिन ऋषि समाधि में थे परीक्षित ने सोचा कि ऋषि ने अपमान किया है और उन्होंने मरा हुआ सांप ऋषि के गले में डाल दिया ऋषि के पुत्र ने परीक्षित को तक्षक नामक सर्प द्वारा सातवें दिन मारे जाने का शाप दिया। परीक्षित ने अपना राज्य अपने पुत्र जन्मेजय को सौंपकर गंगा नदी के तट पर गए और वहां ऋषि-मुनियों से भागवत कथा सुनी शुकदेव का आगमन अंत में व्यास नंदन शुकदेव वहां पहुंचे और कथा सुनकर सभी भाव-विभोर हो गए यह दिन कथा के महत्व को और स्पष्ट करता है क्योंकि राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनने के बाद मोक्ष प्राप्त होता है कथा के दौरान श्रद्धालु भागवत कथा के महत्व को समझते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं। कथा के दौरान प्रोफेसर उमेश दीक्षित और हरिओम दीक्षित द्वारा कथावाचक, सहायक कथा वाचक, वादक और परीक्षित सहित समस्त वरण का फूल माला, अंगवस्त्र व भेट देकर सम्मानित किया गया।
कथा में परीक्षित विमल किशोर बाजपेयी पूर्व प्रवक्ता ज०इ०का० अजीतमल है। कथा का समय दोपहर 2:00 से सायं 6:00 बजे है। कथा के आयोजक अनुज बाजपेयी,अनुराग बाजपेयी,नीरज बाजपेयी, विनीत बाजपेई, विनोद बाजपेयी, प्रमोद बाजपेई, आशीष, कन्हैया, सानू, उत्कर्ष,वैभव, ध्रुव, सोम, नभ एवं समस्त बाजपेयी परिवार है। कथा में व्यस्थापक समस्त नगर वासी,भक्तगण एवं मित्रगण आदि लोग हैं।
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