लखनऊ। रविवार 04मई 2025 (सूत्र/सूवि/पीआईबी) सूर्य उत्तरायण, बैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी, ग्रीष्म ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार संपूर्ण उत्तर प्रदेश में 5 मई 2025 से विशेष मृदा नमूना संकलन अभियान संचालित किया जायेगा। जिससे मृदा के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए बेहतर रणनीति बनाई जा सकेगी और किसानों को उनकी मृदा के स्वास्थ्य के विषय में उपयुक्त जानकारी दी जा सकेगी।
इस अभियान के माध्यम से खरीफ सीजन के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
अपने राजकीय आवास पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान मंत्री ने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में प्रारम्भ मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत प्रदेश की 16,520 ग्राम पंचायतों को संतृप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। वर्ष 2023 में 4,850 एवं 2024 में 8,260 ग्राम पंचायतों में निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अब शेष 16,520 पंचायतों से नमूना संग्रह कर 2025 में संतृप्त किया जायेगा। प्रत्येक पंचायत से 100 नमूने लिये जायेंगे। मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन में 11,564 ग्राम पंचायतों से 11.56 लाख नमूने तथा रबी सीजन में 4,956 ग्राम पंचायतों से 4.96 लाख नमूने संग्रहित किये जायेंगे। इस हेतु 7,500 क्षेत्रीय कृषि प्रसार कर्मी, 1,000 प्रयोगशाला कर्मी एवं 7,684 प्रशिक्षित कृषि सखियों को सम्मिलित किया गया है। कृषि सखियों को प्रति नमूना ₹15 मानदेय प्रदान किया जायेगा। अब तक 21, 25 एवं 29 अप्रैल 2025 को तीन विशेष अभियानों के माध्यम से 3.60 लाख नमूने एकत्र कर प्रयोगशालाओं में भेजे जा चुके हैं। संकलित नमूनों की समस्त जानकारी मृदा स्वास्थ्य पोर्टल ीजजचेरूध्ध्ेवपसीमंसजीण्कंबण्हवअण्पद पर उपलब्ध है।
मंत्री ने बताया कि 05 मई के विशेष अभियान में प्रत्येक जनपद में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में कृषि प्रसारकर्मी, प्रयोगशाला अधिकारी एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक समन्वित रूप से नमूना संकलन करेंगे। कृषि मंत्री ने बताया कि अभी तक के परीक्षणों के आधार पर प्रदेश की मिट्टी में जीवांश कार्बन 0.25-0.50 प्रतिशत है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक एवं आयरन की कमी पाई जा रही है। कृषकों को 12 मानकों पर आधारित निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे, जिससे वे संतुलित उर्वरक प्रबंधन कर सकें।
मंत्री शाही ने कृषकों से अपील की है कि वे सक्रिय सहभागिता करते हुए अपनी भूमि की उर्वरता बढ़ाने हेतु वैज्ञानिक सलाहानुसार उर्वरकों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित करें। जिससे न केवल उनके खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य अच्छा होगा बल्कि उन्हें अच्छा उत्पादन भी मिलेगा और भविष्य में अधिक पोषण वाली फैसले भी पैदा होंगी।
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