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तोड़-फोड़ के जोड़ द्वारा विद्यार्थियों के सृजनात्मक चिंतन को बढ़ावा दिया गया

अकबरपुर। बुधवार 09अप्रैल 2025 (सूत्र) सूर्य उत्तरायण, चैत्र मास शुक्ल पक्ष द्वादशी (भारतीय नव वर्ष प्रारंभ), बसंत ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। “तोड़-फोड़ के जोड़” विषय पर आधारित नवाचार कार्यशाला के द्वितीय दिवस का आयोजन ब्राइट एंजिल्स एजुकेशन सेंटर, अकबरपुर में हुआ। कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों ने विज्ञान की विभिन्न रोचक गतिविधियों में हिस्सा लेकर अपनी सृजनात्मक क्षमता का प्रदर्शन किया तथा इनोवेटिव आइडिया देकर पुरस्कार जीते। 

आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा कानपुर देहात जनपद में दो दिवसीय तोड़फोड़ के जोड़ कार्यशाला एवं भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के सीडीसी निदेशक प्रोफेसर आर. के. द्विवेदी ने भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी बस का फीता काटकर किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को स्वतंत्र चिंतन के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए जिससे वह स्वयं करके सीखते हैं तथा तार्किक चिंतन की सहायता से अधिक स्थाई ज्ञानार्जन करते हैं। करके सीखना तथा प्रयोग के माध्यम से सीखना विज्ञान के लिए प्रमुख विधियां हैं, विद्यालय स्तर पर इनका उपयोग होना चाहिए। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से विज्ञान का रोचक ढंग से अधिगम करने की अपील की।

आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ के शिक्षा अधिकारी राम कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कार्यशाला में आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों से परिचित कराया तथा दैनिक जीवन में विज्ञान के संबंध में उनका मार्गदर्शन किया।

इसी संस्था के पूर्व शिक्षा अधिकारी के. के. चटर्जी ने विद्यार्थियों को विज्ञान के ऐसे सिद्धांतों से परिचित कराया जिनका उपयोग करके तथा कथित ढोंगी व्यक्ति लोगों को बेवकूफ बनाते हैं तथा उनका आर्थिक शोषण करते हैं। उन्होंने विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों का डेमोंसट्रेशन करते हुए, उसके कारणों की व्याख्या की। उनके द्वारा दिखाए गए वाटर ऑफ इंडिया, इनविजिबल राइटिंग, रस्सी को को काटना एवं फिर से जोड़ना, त्रिशूल को जीभ के आर-पार करने से संबंधित प्रयोगों को विद्यार्थियों ने बहुत अधिक सराहा। आंचलिक विज्ञान नगरी के शिक्षा अधिकारी श्री विकास ने पदार्थ के विभिन्न गुणों के विषय में अत्यंत रोचक डेमोंसट्रेशन दिए तथा लिक्विड नाइट्रोजन के माध्यम से पदार्थ के गुण धर्म को समझाया। उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से बताया कि तापमान के साथ पदार्थ की प्रकृति बदल जाती है। उन्होंने आलू, केला, फूल, पत्तियों, वॉल एवं गब्बर के माध्यम से विभिन्न रोचक प्रयोगों का प्रदर्शन किया।

इसी के साथ ही समानांतर सत्र में 'तोड़फोड़ के जोड़', 'कबाड़ से जुगाड़' तथा 'आर्किमिडीज के सिद्धांत' एवं 'उत्प्लावन बल' विषय पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया तथा विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों से सुसज्जित ‘भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी’ बस के माध्यम से विद्यार्थियों ने दैनिक जीवन में मशीनें विषय पर आधारित विभिन्न उपकरणों का अवलोकन किया तथा अवलोकन के पश्चात एआई द्वारा चलित क्विज में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में विजयी प्रतिभागियों को मेडल पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ द्वारा ब्राइट एंजिल्स एजुकेशन सेंटर के निदेशक डॉ. बलबीर सिंह एवं कार्यक्रम के स्थानीय संयोजक डॉ. विकास मिश्र को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 

कार्यक्रम के सफल आयोजन में ब्राइट एंजिल्स एजुकेशन सेंटर की प्रधानाचार्य मीनाक्षी सिंह, विज्ञान शिक्षक अनुराग अग्रवाल सहित समस्त शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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