संत प्रतिमा प्रेम ने भावुक होते हुए कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमें यह भी दिन देखने पड़ेंगे कि जब हमें हिन्दू कहने पर गोली मार दी जाएगी। आज बंगाल में हिन्दू अपने देश में ही शरणार्थी की तरह जिंदगी बिताने के लिए मजबूर है।
राजेन्द्र अवस्थी ने कहा कि ये इस्लामिक आतंकवाद है जब धर्म पूछ कर हत्या की जा रही है। आयतें पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।यही नहीं देश के प्रधानमंत्री को चुनौती दी जा रही है कि तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हो। हम माननीय प्रधानमंत्री जी से विनम्र आग्रह करते है कि आतंकवादियों के कुत्सित प्रयास को मजबूती से कुचलते हुए इसकी जड़ पाकिस्तान को विश्व के नक्शे से गायब करने हेतु कठोर कारवाही प्रारंभ करें। पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के राधा कृष्ण त्रिपाठी जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब हम सबको एक होकर आतंकवादियों एवं देश में छुपे गद्दारों से लड़ने में सरकार का मजबूती से साथ देना है। तभी देश सुरक्षित रहेगा।
श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख रूप से जया, श्वेता शर्मा, माधुरी, शगुन , सत्या, पिंकी दीक्षित, फूल कली, राजेन्द्र अवस्थी, जय राम दुबे, श्याम बिहारी शर्मा, पी के त्रिपाठी, कृष्ण मुरारी शुक्ला, किशोर कुमार आदि प्रमुखरूप से उपस्थित रहे।
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