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बिठूर के आरोहम में हास्य नाटिका “दिल की दुकान” का मंचन

कानपुर नगर। शनिवार 12अप्रैल 2025 (सूत्र/संवाददाता) सूर्य उत्तरायण, चैत्र मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा (नव वर्ष प्रारंभ), बसंत ऋतु २०८२ कालयुक्त नाम संवत्सर। बिठूर स्थित आरोहम में “दिल की दुकान” नामक हास्य नाटिका का भव्य आयोजन किया गया। इस नाटक के लेखक राजेन्द्र कुमार शर्मा हैं और निर्देशक रतन राठौर जी रहे।

रतन राठौर के कुशल नेतृत्व में अनुभूति नाट्य संस्था से जुड़े कुल 18 सदस्यों की टीम ने मिलकर इस नाटक का प्रभावशाली मंचन प्रस्तुत किया। इस नाटक की प्रस्तुति ओपन स्टेज में हुई है इसलिए इसका प्रदर्शन विशेष है और कलाकारों की अभिनय क्षमता की पराकाष्ठा को दर्शाता है।

यह हास्य नाटिका सामाजिक संदेशों के साथ-साथ मनोरंजन से भरपूर रही, जिसे उपस्थित दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें मुख्य रूप से इंदर मोहन रोहतगी जी, आलोक मिश्रा जी, श्रीमती वंदना मिश्रा जी, उमेश पालीवाल जी, रतन राठौर जी, Humane Foundation Trust की संरक्षिका एवं अध्यक्षा श्रीमती रचना अवस्थी जी, श्रीमती अदिति शुक्ला जी, श्रीमती अम्बुज मिश्रा जी एवं संदीप शुक्ला जी प्रमुख रहे।

नाटक के कलाकारों ने निम्नलिखित भूमिकाएँ निभाईं:

  •  धनीराम (कंजूस) – मुरारी गौड़
  •  रानी (कंजूस की पत्नी) – अंकिता यादव
  •  मोहन (लड़ाकू पत्नी का पति) – श्याम मनोहर तिवारी
  •  सरला (लड़ाकू पत्नी) – मीत कमल द्विवेदी
  •  प्रीतमलाल (शराबी) – योगेन्द्र श्रीवास्तव
  •  चन्दा (शराबी की पत्नी) – प्रिया वर्मा
  •  डॉक्टर साहब – वलीउल्लाह ख़ाँ
  •  नर्स – औजस्वनी दीक्षित
  •  अमर नाथ (चन्दा माँगने वाला – 1) – मनुज बाजपेई
  •  बंसीलाल (चन्दा माँगने वाला – 2) – विभांशु वर्मा

मंच सज्जा – नौशाद

प्रकाश रचना – सुरेन्द्र

यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति रहा, बल्कि समाज के प्रति एक सकारात्मक संदेश भी देने वाला मंच बना। आयोजकों और प्रतिभागियों का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

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