सिर्फ इस्लाम एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें अलग-अलग तरह के कत्ल का वर्णन किया गया है और उन्हीं कत्ल में एक कत्ल है जिसे “वजीबुल क़त्ल" कहते हैं
कुरान के अनुसार वजीबुल कत्ल की जो परिभाषा दी गई है यदि कोई व्यक्ति इस्लाम पर सवाल उठाए, कुरान पर सवाल उठाए, पैगंबर पर सवाल उठाये या फिर इस्लामिक शासन में रहते हुए भी जजिया देने से या इस्लाम कुबूलने से इनकार करें तब ऐसे व्यक्ति को कत्ल कर देना जायज है और इसे ही वजीबुल कत्ल कहते हैं।
कमलेश तिवारी हो या फिर चार्लो हैंब्दो मैगजीन के संपादक हो ... उन्हें इस्लाम मे जायज इसी वजीबुल कत्ल की परिभाषा के तहत मारा गया
विश्व के लगभग सभी इस्लामिक देशों ने इसी सिद्धांत पर अमल करते हुए वाजिबुल कत्ल को सरकारी कत्ल भी घोषित कर दिया है और ईशनिंदा या ब्लासफेमी नामक बकायदा कानून बनाया है जो कुरान के वजीबुल कत्ल पर ही आधारित है। इस कानून के अनुसार इस्लामिक सरकारें किसी भी ऐसे व्यक्ति को कत्ल कर सकती हैं जो इस्लाम पर सवाल उठाए या पैगंबर पर सवाल उठाए या कुरान पर सवाल उठाए
हम चाहे दलित हो या जाट हो या गुर्जर हो या ब्राह्मण हो या छत्रिय हो कांग्रेसी हो भाजपाई हो आपाई हो या सपाई ....हम सब वजीबुल कत्ल के दायरे में आते हैं याद रखिये
उमरअब्दुल्लाह पिता फारूक अब्दुल्लाह
फारूक अब्दुल्लाह पिता शेख अब्दुल्लाह
शेख अब्दुल्लाह पिता शेख इब्राहिम
शेख इब्राहिम पिता पण्डित राघव राम कौल
पंडित राघव राम कौल वजीबुल कत्ल के दायरे में आते थे यही हाल हिंदुस्तान के 98% मुसलमानों का हैं । लेकिन होता क्या है एक मुसलमान बच्चा जन्म लेते ही उसको अपने मज़हब के बारे में कठोरता से पालन करना बताते है। वही
हिन्दू अपने धर्म , अपने संस्कृति , अपने संस्कार पर ही इतने प्रश्न कर देता हैं कि वह बच्चा ठीक से हिन्दू भी नहीं बन पाता
,,,, क्योंकि उसने ही सुना है अपने बड़ो से की हिन्दू धर्म पाखण्ड हैं ढकोसला हैं । क्या बेवकूफ़ी हैं शिवलिंग पर सावन में लाखों लीटर दूध बर्बाद करते हो , यह क्या बेवकूफ़ी हैं नदियों में तांबे का नाग बनाकर नदियों में डाल देते हो । अरे ऐसे बोलने वाले हिन्दू की संख्या बहुत हैं उनको अपने सनातन धर्म को कभी समझा ही नही । हमारा धर्म ही विज्ञान पर ही आधारित हैं। हम कोई भी ऐसा कार्य नही करते जिसका विज्ञान से लेना देना नही हो जिस दिन भारत का
रहने वाला प्रत्येक हिन्दू ठीक से अपना धर्म ही समझ लिया तो यकीन मानिए पूरे विश्व का कल्याण हो जाएगा।
भारतीय केसरिया वाहिनी व्रन्दावन में 18 एकड़ भूमि पर आश्रम के साथ ही गुरुकुल भी खोलेगी और उस गुरुकुल में पढ़ने वाला प्रत्येक बच्चे को 100% नोकरी दी जाएगी
ऐसी व्यवस्था पर भी वाहिनी कार्य कर रही हैं। मैने बहुत वर्ष तक अपने शिक्षा व बेरोजगार पर बोलता रहा अब यह कैसे सम्भव है उसको धरातल पर लेकर आने जा रहा हूँ। हमारा पतन उस वक़्त से प्रारंभ हो जाता हैं जबसे हम अपने ही धर्म पर प्रश्न चिन्ह लगाने लगते है। मै आज बस इतना ही कहूंगा कि धर्मिक बनो , संस्कार युक्त बनो और एक बात धनवान बनना चाहते हो तो दान करने की आदत डालो।
जय श्री कृष्ण ,,,अयोध्या हुई राम की, अब मथुरा की बारी
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